संस्कृत तथा हिन्दी कवि, लेखक, शास्त्रों के अध्येता तथा प्रवाचक
आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी
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कथा के कुछ अंश
श्लोकधारा आदि नए बिन्दु
चित्रमाला
पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्ण शर्मा
पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्ण शर्मा छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण परिवार से उद्भूत हैं। भगवान् आदित्य के प्रति इनकी अगाध श्रद्धा है। माता महाश्वेता की कृपा से इन्हें संस्कृत भाषा का ज्ञान हुआ। बचपन से ही सनातन शास्त्रों में इनकी रुचि तो रही ही है। पिताश्री से इनका शास्त्राध्ययन निरंतर चलता रहता है। इन्हें संस्कृत, हिन्दी, आंग्ल तथा छत्तीसगढी का ज्ञान है। उन्होंने अलौकिक रूप से श्रीराधा जी को अपनी आचार्या माना है अतएव नामाग्र में “आचार्यश्री” लिखते हैं….
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