॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी
   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि)

तैं हा नइ जानच पोंगा फँसे हे तोर डोंगा
तैं नइ जानच।
ये रे!
तोर मोर काया माटी के संगी मोर!
एही आवै जम्मो पोथी बेद के निचोर
तैं हा नइ जानच।
लाली पानी के तोर काया लपटाय!
जिहाँ ले मैं जनमेंव तिहेंच ले तैं आए
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
भौजी के काया घलो हे माटी के!
गोसइनिन अउ बहिनी के भेद जइसे
तैं हा नइ जानच।
लाल लाल पानी कुकुर घालो पाय!
जिहेंच ले हम जनमेन तिहेंच ले ओ आए
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
प्रेमेच ला जानै बाम्हन कहिराय!
ना जनमै रे संगी जनेवा लपटाय
तैं हा नइ जानच।
एक्के हे काया मचे हे अब्बड़ लूट!
ये दे काबर बनाए किसन छुआ छूत
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
बाम्हन ला गारी देवत अँटियाय!
तहाँ बाम्हन बने बर ओही मन अघुवाय
तैं हा नइ जानच।
लोगन बर नइ तैं काबर खिसियास!
उमन नइ छूवैं संगी अपन डेढ़सास
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
बाम्हन हा मोर घर के बासी नइ खाय!
कहूँ पानी नइ पियै छुवा मानै नइतो काय
तैं हा नइ जानच।
पूजा बर मंदिर मा घुसरन नइ दै!
उहाँ कइसे फेर मन के मनौती मनै
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
बाम्हन बनावै अपने खावै!
अब्बड मुश्किल ले जिनगी के दिन जावै
तैं हा नइ जानच।
मुरती ला घस घस बाम्हन हा पावै!
धजा दर्सन करे ले दुसर मन पावै
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
पथरा ला पुजैं किसन मिलि जाय!
मैं हा पूजौं पहाड़ी धूनी ला लपटाय
तैं हा नइ जानच।
बेद के पढ़इया बाम्हन कहिराय!
गुन करम ले संगी कोनो ये बन जाय
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
पाहन के पूजा काहाँ ये होथे जी!
ओमा राम ला बलाके पूजैं रे सगरी
तैं हा नइ जानच।
गाय ले पड़वा नइ होवे बछुवा!
तइसे तै हस अउ पंडित समझे रे छुछुवा
तै हा नइ जानच।
सुन रे!
बछरू बछरू के नइ अंतर करै!
माई सब्बो ला एक्के कस गोरस ला दै
तैं हा नइ जानच।
गरुवा नो हन संगी अदमी आवन!
संगी काम ले कहावै चमरा अउ बाम्हन
तैं हा नइ जानच।
सुन रे!
बाम्हन के जीवन नियम लपटाय!
तोरे माई तोर बर जादा गोरस चुचुवाय
तैं हा नइ जानच।
जोनी तप बिद्या तीनो ले पंडा जान!
ये दे चिहरत हे संगी मोर बेद अउ पुरान
तै हा नइ जानच।
तीनो मिलै तो कहावै महान!
एक ठन रित्ता हे बाम्हन कहाँ ले कहान
तैं हा नइ जानच।
धान पान छोड़ कोन कचरा बोतेन!
रागी कारज ले सब्बो फेर बाम्हन होतेन
तैं हा नइ जानच।
नइ होतेन छतरी अउ बनिया चमार!
सब्बो बाम्हन भर होतिन धँसे धुआधार
तैं हा नइ जानच।
तैं हा नइ जानच पोंगा फँसे हे तोर डोंगा
तैं नइ जानच।

साझा करें (Share)
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।