by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Oct 13, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) वर्तमान समय में हम जिस पृथ्वी पर निवास करते हैं, प्रश्न यही है कि हम उसके विषय में कितना जानते हैं। सम्भवतः इसके विषय में हमें एक प्रतिशत का भी ज्ञान नहीं। हमें यह...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 26, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) जिस प्रकार सिंह शावक की माता अपने पुत्र के ऊपर भय जानकर तत्क्षण उसके निकट आ जाती है, तथा एव भगवती इन वज्रदंष्ट्रा कही जाने वाली वसंत तथा शरद ऋतुओं में अपने पुत्रों...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 13, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हम नवदिवस तक नवरात्र में श्रीदुर्गाजी की पूजा करते हैं। वस्तुतः यह नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है। नव दिवस तक हम नित्य नव देवियों की विधिवत् पूजा...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 7, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, गणेशस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) शिवसङ्गमुदाङ्करतं सुरतंनटराजनटं नृतुयूथमुखम्।सुकृतेर्निकरं इतिख्यातिमयंस्मर रे इह चित्त गणाधिपतिम्॥१॥ “जो भगवान् शिव के गोद में बैठे बड़े आनन्दित हैं। जो...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 4, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) आज हम फेसबुक पर एक लेख पढ़ रहे थे। उसमें हमें एक टिप्पणी मिली। आक्षेपक ने लिखा था, “करपात्री जी तो रजस्वला होने से पहले ही कन्या के विवाह हेतु कहते हैं। कितना...