॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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वैशाख के झड़ी

वैशाख के झड़ी

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) “माथ मटू हे मंजूर के पंख त कान के नाक के बात कहाँ हे।आँख के आँजे सजे संगवारी त सुग्घर मा रति काम लजा हे।डेरी के खांध म डेरा त आन म बंसरी तान के सान सजा हे।’कौशल’ राधा...
श्रीकालीज्वालपास्तव

श्रीकालीज्वालपास्तव

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) महाकुण्डितातण्डमार्त्तण्डदीप्तांबृहद्भानुसंतप्तमुण्डस्रजाङ्गीम्॥जटाकञ्चितक्लान्तराज्ञा विरक्तांमुदां ज्वालपां नौमि संरावकर्त्रीम्॥१॥ जिनकी कान्ति भयंकर ज्वालाओं...
करिया कन्हैया नन्दलाल रे…

करिया कन्हैया नन्दलाल रे…

लेखक – पं. श्री सूरज प्रसाद शर्मा(सूखाताल, कवर्धा छत्तीसगढ़) करिया कन्हैया नन्दलाल रे, मुरलिया तोर।मधुर मधुर धुन बाजे, बसुरिया तोर। करिया कन्हैया…मैं जिहाँ जिहाँ जाथौं, तैं उहाँ उहाँ जाथस।मैं तोला नइ छिटकारौं काबर आघू पाछू आथस।तोर मन मा भरे हे मलाल रे, मुरलिया...
होली पर एक भाव

होली पर एक भाव

   लेखक – पं. श्री महेश शर्मा   (भागवत प्रवक्ता, शास्त्र अध्येता, लेखक) वृषभानु सुता ने शृंगार कियो, कब दैखेंगे मोहे वो नंद लला।इक बार चली जब सज धज के पथ बीचि मिले उन्हे बाल सखा।अब सोच रहीं की न देखैं हमें, मुख अंचल ढाँक रहीं वो लजा।जब देखा...
भवानीसप्तकम्

भवानीसप्तकम्

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कं कं केशेषु मेघेषु मनसिजबृसीं धूर्जटेः भूषितेशींकाशामाकाशवासामरुणकरुणया प्रोल्लसद्रुक्मरेखाम्।डं डं डं डं निनादेऽस्थिरनटनटितां दैत्यनाट्यं विभङ्गांतां वन्दे...
पार्वतीश्वरसौन्दर्यवर्णनम्

पार्वतीश्वरसौन्दर्यवर्णनम्

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) शुभशितिकचकान्तिं दाडिमीपुष्पवर्णा–धरनलिनयमाक्षीं रुक्मशोभाकिरीटम्।विधुजटितजटाभिर्जाटकं मङ्गलानांनववरवधुयुग्मं पार्वतीशं नतोऽस्मि॥१॥ सुन्दर काले केशों की...
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