by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Dec 6, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
आज कलयुग में कुछ ऐसे प्रबुद्ध जनों के अनुयायी हैं जो गणेश को ईश्वर का नाम तथा ओम् का पर्याय बताते हैं किन्तु ग्रन्थ प्रारम्भ में “श्रीगणेशाय नमः” लिखने के स्थान में “ओम्” मात्र लिखने के ही पक्षधर होते हैं। ये ऐसे प्रबुद्ध हैं जो स्वयं ईश्वर को...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Dec 5, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, विष्णुस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
न मन्त्रं तन्त्रं वा विविधकुलयन्त्रागमशुची–न्न तत्वं मायायास्तवचरणदास्याश्च सचितः।सितास्तस्या वृत्याऽऽचरणपतिता योग्यविकलान योग्योऽहं देव तदपि नृमृगेद्रार्तिथयिषे॥१॥ न मैं मंत्र जानता हूँ, न तन्त्र जानता हूँ, न ही विविध प्रकार के यंत्र, वेद तथा...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Nov 18, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
अभी एक आइएएस के शिक्षक श्री विकास दिव्यकीर्ति जी का वीडियो चारो ओर चल रहा है, जिसमें वे बता रहे हैं कि कुछ विषयों को लेकर लोग रामचरित्र पर कटाक्ष करते हैं। आज इसी विषयों के अस्तित्व का कारण जानने का प्रयास करेंगे। कथन यह सही ही है कि किसी भी घटनाक्रम का एक छोटा सा भाग...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Nov 8, 2022 | Blogs, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र
॥ अथ स्तोत्रम् ॥ श्रीसूर्य उवाचश्रृणु साम्ब महाबाहो सिद्धास्तोत्रमनुत्तमम्।विरुद्धस्याऽसुरगुरौः पीडाशान्तिविधायकम्॥१॥ भगवान् सूर्य कहते हैं, हे साम्ब! तुम इस सिद्धा स्तोत्र को सुनो। जो स्तोत्र असुरों के गुरु की पीड़ा को समाप्त कर देने वाला है। योगिनी सिद्धिदा सिद्धा...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Nov 8, 2022 | Blogs, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र
॥ अथ स्तोत्रम् ॥ सिद्धेश्वर्य्यैः नमस्तुभ्यं नमस्ते च शिवप्रिये।धूम्राक्ष्यै च विरुपायै घोरायै च नमो नमः॥ हे सिद्धेश्वरी! आपके लिये नमस्कार है। हे शिव की प्रिया! हे धूम्राक्षी! हे विरूपा! हे घोरा! आपका नमस्कार है। पञ्चास्यायै शुभास्यायै चन्द्रास्यायै च वै नमः।वरदायै...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Nov 6, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
आज वैकुण्ठ चतुर्दशी है। आप सबको कोटिशः शुभकामना। आज की तिथि को भगवान् हरि तथा हर के प्रेम की परिचायिका कहें तो अतिशयोक्ति नहीं। भगवान् हरि को हर से सुदर्शन चक्र की प्राप्ति जो हुई थी। वैसे, सुदर्शन चक्र का सम्बन्ध श्रीसूर्यनारायण से अकाट्य है। क्योंकि वे ही इस चक्र के...