॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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वैशाख के झड़ी

वैशाख के झड़ी

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) “माथ मटू हे मंजूर के पंख त कान के नाक के बात कहाँ हे।आँख के आँजे सजे संगवारी त सुग्घर मा रति काम लजा हे।डेरी के खांध म डेरा त आन म बंसरी तान के सान सजा हे।’कौशल’ राधा...
हिन्दी स्तुतियाँ

हिन्दी स्तुतियाँ

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी के द्वारा जन साधारण हेतु सरल हिन्दी में तीन देवताओं की स्तुतियों का प्रणयन हुआ है। स्तुति उसे ही कहें तो उचित है जो कि ध्येय तथा...
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