॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी
   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि)

आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी के द्वारा जन साधारण हेतु सरल हिन्दी में तीन देवताओं की स्तुतियों का प्रणयन हुआ है। स्तुति उसे ही कहें तो उचित है जो कि ध्येय तथा ध्याता के मध्य सम्बन्ध स्थापित करे। किन्तु संस्कृत की स्तुतियाँ, एक तो कम लोग ही शुद्ध उच्चारण में समर्थ हैं, तदनन्तर देव तक यदि वह पहुंचे तो उसका अन्वय यजमान नहीं जानते। ऐसी स्थिति में यह हिन्दी स्तुति सुलभ सिद्ध होगी।

नीचे पटल में स्तुति देखें। अगले पृष्ठ हेतु वर्तमान पृष्ठ को क्लिक करें तथा ⬇️ चिह्न को छुएं।

Amba-Shiva-Hari-Vijaya

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