॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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Sanskrit Vangmaya Ka Brihad Itihas

<डाउनलोड/ मुख्यपृष्ठ प्रधान सम्पादकपद्मभूषण आचार्य बलदेव उपाध्यायभाषाहिन्दीप्रकाशकउत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानप्रारूप*pdfआकार153.8MB + 198.4MB + 154.3MB + 107.5MB + 186.0MB + 87.5MB + 115.1MB + 124.7MB + 147.4MB + 136.5MB + 195.0MB + 103.7MB + 144.0MB + 297.6MBफाइल...
हलषष्ठी माता की आरती

हलषष्ठी माता की आरती

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) जय षष्ठी माते जय हलषष्ठी माते।नीराजनममरैर्कृतमाधात्रे जाते॥ जय हल…करुणामयि गुणशीले तिथिशीलेऽभयदे।वचसातीतमहिम्ने वात्सल्येऽऽनन्दे॥ जय हल…कंसभगिन्या पूज्ये...
श्री सिद्धेश्वरीरञ्जनम्

श्री सिद्धेश्वरीरञ्जनम्

   प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) प्राक्कथन माता सिद्धेश्वरी का शास्त्रीय वर्णन सम्भवतः केवल वाराहपुराण में कुछ ही श्लोकों में मिलता है। वर्तमान में उनका एक मंदिर वाराणसी में है। वाराह...
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