॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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प्रधान सम्पादकपद्मभूषण आचार्य बलदेव उपाध्याय
भाषाहिन्दी
प्रकाशकउत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान
प्रारूप*pdf
आकार153.8MB + 198.4MB + 154.3MB + 107.5MB + 186.0MB + 87.5MB + 115.1MB + 124.7MB + 147.4MB + 136.5MB + 195.0MB + 103.7MB + 144.0MB + 297.6MB
फाइल संख्या14

विवरण –

यह अनुपम कृति संस्कृत के सम्पूर्ण साहित्य का सुन्दर विवेचन है, जिस ग्रंथ के 18 भाग हैं। इनमें से जो प्राप्य हुए, सो यहाँ आपकी सुविधा हेतु प्रस्तुत हैं।

भाग 1 – वेद खण्ड, इसके अंतर्गत संहिता, ब्राह्मण, अरण्यक तथा उपनिषद् हैं।

भाग 2 – वेदाङ्ग खण्ड, इसके अन्तर्गत शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष और अनुक्रमणी साहित्य हैं।

भाग 3 – आर्षकाव्य खण्ड, इसके अंतर्गत रामायण तथा महाभारत हैं।

भाग 4 – काव्यखण्ड, इसके अन्तर्गत महाकाव्य, खण्डकाव्य, सन्देशकाव्य, रागकाव्य और स्तोत्रकाव्य हैं।

भाग 5 – गद्यखण्ड, इसके अन्तर्गत गद्यकाव्य, चम्पू एवं कथा साहित्य हैं।

भाग 6 – रूपकखण्ड, इसके अन्तर्गत रूपकों के समस्त प्रकार हैं।

भाग 7 – आधुनिक साहित्य खण्ड, इसके अन्तर्गत संस्कृत साहित्य के समस्त आधुनिक विषय हैं।

भाग 8 – काव्यशास्त्रखण्ड, इसके अन्तर्गत काव्यशास्त्र के सभी सम्प्रदाय हैं।

भाग 9 – न्यायदर्शनखण्ड, इसके अन्तर्गत न्याय, वैशेषिक, मीमांसा, सांख्य एवं योग हैं।

भाग 10 – वेदान्त दर्शनखण्ड, इसके अन्तर्गत अद्वैत, विशिष्टाद्वैतादि समस्त वेदान्त दर्शन हैं।

भाग 11 – तन्त्रागमखण्ड, इसके अन्तर्गत शैव, वैष्णव एवं शाक्त आगम हैं।

भाग 12 – नास्तिक दर्शनखण्ड, इसके अन्तर्गत चार्वाक, जैन एवं बौद्धदर्शन हैं।

भाग 13 – पुराणखण्ड, इसके अन्तर्गत अष्टादश पुराण एवं उपपुराण हैं।

भाग 14 – धर्मशास्त्रखण्ड, इसके अन्तर्गत सभी स्मृतिशास्त्र हैं।

भाग 15 – व्याकरणकोश खण्ड, इसके अन्तर्गत पाणिनि, पाणिनीतर व्याकरण तथा कोश हैं।

भाग 16 – ज्योतिषखण्ड, इसके अन्तर्गत फलित एवं गणित दोनों ज्योतिष हैं।

भाग 17 – आयुर्वेद का इतिहास खण्ड, इसके अन्तर्गत प्राचीन एवं नवीन सभी प्रकार के आयुर्वेद समाविष्ट हैं।

भाग 18 – राजनीतिशास्त्र, संगीतशास्त्रखण्ड, इसमें राजनीति एवं संगीतशास्त्र हैं।

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