by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 19, 2025 | Blogs, आचार्यश्री जी, गीत, स्वरचित हिन्दी काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हरिहयरूप हरे (जय) हरिहयरूप हरे।श्रुतियों में प्रथमार्चित, कर में वज्र धरे। जय हरिहय…हे काश्यप हे सुरपति, हे पर्जन्य करे।हे वृत्रारि अवनि के, दानव नित्य डरे। जय हरिहय…हे मेघालय के...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 18, 2025 | Blogs, आचार्यश्री जी, गीत, स्वरचित हिन्दी काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) सिद्ध संत जिनको जपें प्रकटे श्री सुखधाम।भक्तों के दुःख मेटने वे वराह भगवान॥ ^ विष्णु के अवतार मेरे, श्री वराह भगवान^ विष्णु के अवतार जिनके, चार भुजा अभिराम धरती का भार उठाते हैं,...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 22, 2024 | Blogs, गीत
संशोधक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) प्रेम विवस कर दीन्ही रे मोसे नैना मिलाइ केचित मित सब हर लीन्हीं रे मोसे नैना मिलाइ के।प्रेम बटी का मदवा पिलइ के…मतवारी कर दीन्हीं रे मोसे नैना मिलाइ के।बल बल जाऊं मैं तोरे...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Mar 31, 2023 | Blogs, गीत, पं. श्री सूरज प्रसाद शर्मा
लेखक – पं. श्री सूरज प्रसाद शर्मा(सूखाताल, कवर्धा छत्तीसगढ़) करिया कन्हैया नन्दलाल रे, मुरलिया तोर।मधुर मधुर धुन बाजे, बसुरिया तोर। करिया कन्हैया…मैं जिहाँ जिहाँ जाथौं, तैं उहाँ उहाँ जाथस।मैं तोला नइ छिटकारौं काबर आघू पाछू आथस।तोर मन मा भरे हे मलाल रे, मुरलिया...