॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

   लेखक – पं. श्री अंकित शर्मा   (कर्मकाण्डविद्, सतत अध्येता) विभूतियों की परिगणना के संदर्भ में भगवान् ने गीता में कहा है कि “धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ”। भरतकुलश्रेष्ठ अर्जुन! धर्म के अविरुद्ध रहने वाला काम मैं हूँ।...
भारतीय संस्कृति व भारतभूमि की अखण्ड राष्ट्रियता एवं भगवान् शिव

भारतीय संस्कृति व भारतभूमि की अखण्ड राष्ट्रियता एवं भगवान् शिव

   लेखक – पं. श्री अंकित शर्मा   (कर्मकाण्डविद्, सतत अध्येता) भगवान् शिव का भगवती उमा के साथ गृहस्थरूप भारतीय नारी के पातिव्रत और सती धर्म का आदर्श है। वस्तुतः भगवान् शिव की यह दैवी धारणा मानवीय संस्कृति की विराट् रूपा हमारी संस्कृति की प्राण है। “या उमा...
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।