॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

विभूतियों की परिगणना के संदर्भ में भगवान् ने गीता में कहा है कि “धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ”। भरतकुलश्रेष्ठ अर्जुन! धर्म के अविरुद्ध रहने वाला काम मैं हूँ। ऐसे भी काम अन्यतम पुरुषार्थ है। काम की सम्पूर्ति अर्थ के बिना नहीं हो पाती। अतः धर्म के...
भारतीय संस्कृति व भारतभूमि की अखण्ड राष्ट्रियता एवं भगवान् शिव

भारतीय संस्कृति व भारतभूमि की अखण्ड राष्ट्रियता एवं भगवान् शिव

भगवान् शिव का भगवती उमा के साथ गृहस्थरूप भारतीय नारी के पातिव्रत और सती धर्म का आदर्श है। वस्तुतः भगवान् शिव की यह दैवी धारणा मानवीय संस्कृति की विराट् रूपा हमारी संस्कृति की प्राण है। “या उमा सा स्वयं विष्णुः………………..॥ येेऽर्चयन्ति हरिं भक्त्या तेऽर्चयन्ति...
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