॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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भाषासंस्कृत, हिन्दी
लेखकश्री काशीनाथोपाध्याय
मुद्रकचौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान
प्रारूप*pdf
आकार256.9MB
फाइल संख्या1

विवरण –

धर्मार्थ शास्त्रों में विधिनिषेध वर्णित हैं। उन विधिनिषेधों का तथा विविध नियमों का संकलन इस ग्रंथ में प्राप्य है, जिसका अनूदित स्वरूप उसे सुगमता प्रदान कर रहा है।

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