॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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भाषासंस्कृत
संपादकआचार्य जगदीशलाल शास्त्री
मुद्रकमोतीलाल बनारसीदास
प्रारूप*pdf
आकार253.8MB
फाइल संख्या1

विवरण –

यह ग्रंथ मनुस्मृति में श्री कुल्लूक भट्ट द्वारा कृत भाष्य का ग्रंथ है। वैसे तो मनुस्मृति में अनेकों भाष्य हैं किन्तु कुल्लूक भाष्य मनुस्मृति के कतिपय अत्यंत प्रचलित भाष्यों में से एक है। डाउनलोड करने से पूर्व ध्यान रखें कि यह ग्रंथ संस्कृत में है।

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