॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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लेखकश्री कृष्णानन्द बुधौलिया
प्रकाशकश्री पीताम्बरा पीठ संस्कृत परिषद्
संस्करणप्रथम (सन् १९८३)
प्रारूप*pdf
आकार92.2MB
भाषाहिन्दी
फाइल संख्या1

विवरण –

भैरव विज्ञान नामक इस ग्रंथ में शाक्त साथना के गूढ़तम रहस्यों को सरल भाषा में उद्घाटित किया गया है। अहं निरूपण, ब्रह्म का स्वरूप लक्षण, आत्मतत्व निरूपण आदि शीर्षकों के माध्यम से तंत्रशास्त्र के प्रतिपाद्य अद्वैत तत्व का भी बहुत ही सुंदर विवेचन हुआ है। यह ग्रंथ निश्चित् ही हर साझक हेतु लाभकारी है।

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