॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

यहाँ आप पाएंगे आचार्यश्री डॉट इन में हुए नवीनतम परिवर्तनों को यथाशीघ्र!

मुख्य

आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी की नईं रचनाएं

तैं नइ जानच (लोकगीत)

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) तैं हा नइ जानच पोंगा फँसे हे तोर डोंगातैं नइ जानच।ये रे!तोर मोर काया माटी के संगी मोर!एही आवै जम्मो पोथी बेद के निचोरतैं हा नइ जानच।लाली पानी के तोर काया लपटाय!जिहाँ ले...

ख्वाब में आकर कन्हैया क्यूँ सताते हो?

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) ख्वाब में आकर कन्हैया क्यूँ सताते हो?जो जगूँ तो यूँ ही कैसे भाग जाते हो?रुक के पल भर देख लो रे ऐ मेरे ज़ालिमराधिका के नाम की आँसू बहाते हो।ख्वाब में नित ही लबों को चूम...

विप्राष्टकम्

   रचयिता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) यस्याङ्घ्र्याभरणेन शोभिततमो लक्ष्मीप्रियः केशवोनित्यं वै मनुते वसन् फणधरस्यास्यां च दुग्धार्णवे।जायन्ते विविधाः प्रजा इह सदा क्षत्र्यादयो येन तद्वन्देऽहं प्रगतिश्च यस्य...

हिन्दू राम राम बस कहता है…

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) बैठा हिन्दू राम राम बस कहता है।राम धर्म से विस्मृत सा उल्टी धारा में बहताहिन्दू राम राम बस कहता है।वैदिक धर्मसूत्र से वंचितपैशाची मन से जो संचितचिन्तन से निर्मित पत्थर की...

शारदापराधक्षमापनम्

   रचयिता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) सरससारससङ्कुलसंहित-स्थितिसुभाषितवैभवभूषिते।चिचरिषामि सुपादनखे वने-विविधवृक्षदलैर्दह मे मलम्॥१॥ सुन्दर कमल समूहों के निकट विद्यमान रहने वाले (हंस) के ऊपर स्थिति करने...

रमापराधक्षमापनम्

   रचयिता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कमलयमलचक्षुं यामलैर्वारणानांमहितचरणयुग्मं शुभ्रशोभां शुभाङ्गीम्।अतिललितकटाक्षो भूतयः सेवकानांकलितकुमुदमध्येऽधिष्ठितां तान्नमामि॥१॥ जिनके कमल की दो कर्णिकाओं जैसे नयन...

लोचनेश्वरीस्तुति

   रचयिता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) नमामि ब्रह्मविष्णुशर्वसर्वमानसस्थितेद्रवप्रलिप्तलोचनप्रभेश्वरीं जगन्मये।तव भ्रुवो भ्रमन्ति देवदैत्ययक्षकिन्नरा-स्त्वया प्ररुह्य रान्ति तां नमामि केवलाम्बिके॥१॥ हे...

हृदयस्थल के अंतः तल में

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हृदयस्थल के अंतः तल मेंएक नाम नित गाता हूँ।राम राम की धुन को सुनकरशरणागत हो जाता हूँ।देवालय में निज आलय मेंनिर्जन वन के मेघालय में।लय में लय से मुक्त निलय मेंराम नाम लय...

दोषारोपण मन का मल

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) दोषारोपण मन का मल॥देह मृदानिर्मित घट धूसर।भोगे सुख दुःख स्वयं बनाकर॥पैर गिरे यदि हाथ का मुद्गर,क्रुद्ध कहाँ पर लक्ष्य लगाए बैठा आत्म सबल।दोषारोपण मन का मल॥इन्द्रिय चय...

काखर बर गुसियावौं

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) रे संगी काखर बर गुसियावौंदेख हमर काया माटी के अपने दुःख भोगै थारी के।गोड़ मा गिर गै हाँथ के कुदरी काबर नइ चिल्लावौं,संगी काखर बर गुसियावौं॥हाथ गोड़ मा देव बसे हें अपने दे...

वैशाख के झड़ी

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) "माथ मटू हे मंजूर के पंख त कान के नाक के बात कहाँ हे।आँख के आँजे सजे संगवारी त सुग्घर मा रति काम लजा हे।डेरी के खांध म डेरा त आन म बंसरी तान के सान सजा हे।'कौशल' राधा के राउत रूप बिसाख रगी म...

श्रीकालीज्वालपास्तव

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) महाकुण्डितातण्डमार्त्तण्डदीप्तांबृहद्भानुसंतप्तमुण्डस्रजाङ्गीम्॥जटाकञ्चितक्लान्तराज्ञा विरक्तांमुदां ज्वालपां नौमि संरावकर्त्रीम्॥१॥ जिनकी कान्ति भयंकर ज्वालाओं से...

भवानीसप्तकम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कं कुन्तलग्राममध्यागततततमये नीलकण्ठेन चन्द्रंकाशामाकाशवासामरुणकरुणया प्रोल्लसद्रुक्मरेखाम्।डं डं डं डं निनादेऽस्थिरनटनटितां दैत्यनाट्यं विभङ्गांतां वन्दे तन्त्रमातां...

पार्वतीश्वरसौन्दर्यवर्णनम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) शुभशितिकचकान्तिं दाडिमीपुष्पवर्णा--धरनलिनयमाक्षीं रुक्मशोभाकिरीटम्।विधुजटितजटाभिर्जाटकं मङ्गलानांनववरवधुयुग्मं पार्वतीशं नतोऽस्मि॥१॥ सुन्दर काले केशों की कान्ति, अनार...

हिन्दी स्तुतियाँ

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी के द्वारा जन साधारण हेतु सरल हिन्दी में तीन देवताओं की स्तुतियों का प्रणयन हुआ है। स्तुति उसे ही कहें तो उचित है जो कि ध्येय तथा ध्याता...

श्रीनृसिंहप्रपन्नस्तोत्रम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) न मन्त्रं तन्त्रं वा विविधकुलयन्त्रागमशुची--न्न तत्वं मायायास्तवचरणदास्याश्च सचितः।सितास्तस्या वृत्याऽऽचरणपतिता योग्यविकलान योग्योऽहं देव तदपि नृमृगेद्रार्तिथयिषे॥१॥ न...

कालिकालास्यम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) असितवपुरिवाञ्जनां प्रमीता--जिरचरणामथरिप्रभाविदीप्ताम्।क्षणनुजशिरभित्तिशुक्तितृप्तांवसनविरागतनुं प्रणौमि नर्याम्॥१॥ कज्जल के समान काले शरीर वाली, मृत देह पर चरण रखी हुई...

श्रीगणपतिमदनस्तोत्रम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) शिवसङ्गमुदाङ्करतं सुरतंनटराजनटं नृतुयूथमुखम्।सुकृतेर्निकरं इतिख्यातिमयंस्मर रे इह चित्त गणाधिपतिम्॥१॥ "जो भगवान् शिव के गोद में बैठे बड़े आनन्दित हैं। जो कि नटराज के...

आदित्यहर्षणस्तोत्रम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) वैष्णवानां हरिस्त्वं शिवस्त्वं स्वयंशक्तिरूपस्त्वमेवानयस्त्वं नतेः।त्वं गणाधिकृतस्त्वं सुरेशाधिप-स्त्वं मरुत्वान्रविस्त्वं सदा स्तोचताम्॥१॥ वैष्णवों के आप ही हरि हैं,...

हलषष्ठी माता की आरती

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) जय षष्ठी माते जय हलषष्ठी माते।नीराजनममरैर्कृतमाधात्रे जाते॥ जय हल...करुणामयि गुणशीले तिथिशीलेऽभयदे।वचसातीतमहिम्ने वात्सल्येऽऽनन्दे॥ जय हल…कंसभगिन्या पूज्ये...

वर्षाऋतुवर्णनम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) नवासान्द्राच्छादो विपिनतरुवल्ली वलयितालताहारं चारुं सजतिक्षितिवक्षस्थलगताम्।प्लवा भृङ्गार्यश्च मधुररववादेनसयुताऽऽ--गताश्चाराध्यायै स्तव इव सुराऽहो ऋतुमयः॥१॥ वन में...

राष्ट्रध्वजा बृहता विपुला

स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाओं सहित राष्ट्रध्वजा बृहता विपुला संस्कृत कविता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी रामकृष्णसुरवरमुनिचरितायां                               भारत्यां रमणीयां यत्रोत्पलिफलगुह्यदुर्लभो                              जोघुष्यन्तेऽमृतप्रवराः। अशरणशरणाः...

श्री सिद्धेश्वरीरञ्जनम्

   प्रणेता - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) प्राक्कथन माता सिद्धेश्वरी का शास्त्रीय वर्णन सम्भवतः केवल वाराहपुराण में कुछ ही श्लोकों में मिलता है। वर्तमान में उनका एक मंदिर वाराणसी में है। वाराह पुराणानुसार वे...

आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी के ग्रंथ

Avyangabhanu : अव्यंगभानु

ग्रंथाकृति में पहली बार। मगों तथा सूर्योपासक विप्रों हेतु परमावश्यक "अव्यंग" का दुर्लभ विधान जो कि मात्र १२ रश्मियों (अध्यायों) तथा ३६० श्लोकों में लिखित है। तुरन्त ऑर्डर करें AMAZON (Price - ₹200) FLIPKART (Price - ₹200) NOTION PRESS (Price ₹200) VEDANTA STORE (Price...

अन्य लेख

क्या हिन्दू बौद्ध मूर्तियों को पूजते हैं?

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) शुरू करने से पहले, यह लेख किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुचाने हेतु नहीं लिखी गई है बल्कि कुछ लोगों के उन वाक्यों का प्रत्युत्तर है जिसमें कि वे हिन्दुओं को लक्ष्य...

विश्व की सबसे प्राचीन भाषा

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) लोगों के मन में यह प्रश्न तब से है जब से वे भाषा का अध्ययन कर रहे हैं। जनमानस में संस्कृत ही सबसे प्राचीन भाषा है किन्तु भ्रामक आर्य प्रवास प्रभृति व्याख्याओं के बाद से...

2024 की दीपावली कब? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर?

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कई लोगों के संदेश आए। प्रश्न आए कि दीपावली कब है। कई सज्जनों ने पूछा कि, 'आप दीपावली कब मना रहे हो?' हमने सोंचा कि वीडियो बनाकर इसका उत्तर दे दें। किन्तु वीडियो हेतु...

संन्यासियों तथा वानप्रस्थियों के पुनर्गृहस्थ होने तथा उनकी संततियों के विषय में शास्त्रपक्ष

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) प्रश्न: क्या संन्यासी या वानप्रस्थी पुनः गृहस्थ बन सकता है तथा पुत्र आदि उत्पन्न कर सकता है? चूँकि संन्यास में ब्राह्मण को ही अधिकार ("ब्राह्मणाः प्रव्रजन्ति" - जाबाल०,...

हनुमान् जी की वानर प्रजाति

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कुछ लोगों का यह वक्तव्य होता है कि हनूमान् वानर तो थे, किन्तु वानर इत्युक्ति आदिवासियों के लिये ही प्रयुक्त होती है। कुछ जन कहते हैं कि हनूमान् की तो पूँछ भी...

प्राचीन भारतीय सभ्यता : वेदों की प्राचीनता

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) वेद सनातन धर्म के चार स्तंभ हैं। वेद वे वृक्ष हैं जिनसे वेदान्त, पुराण आदि शाखाएं उद्भूत होतीं हैं। समस्त शास्त्रों का मूल वेद ही है। वेदों से ही समस्त ज्ञान का...

प्राचीन भारतीय सभ्यता : आर्य प्रवास एक झूठ

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हमारी भारत भूमि विविधताओं का देश है। संस्कृति से लेकर रूप, रंग में भी विविधता है। आदिकाल से इस भूमि को देवभूमि कहा जाता है। देवता भी जहाँ जन्म लेने के इच्छुक...

प्राचीन भारतीय सभ्यता : सिंधु घाटी का धर्म

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हमारा भारत आज से नहीं, आदि से ही विविधताओं का देश है। यहाँ गांव गांव में प्रथाएं हैं वो भी परिवर्तन के साथ संजोई हुई। वहाँ के गीत, इतिहास आदि उनका ब्यौरा हम सब तक सुलभ...

क्या ज्येष्ठ के मरणोपरान्त स्त्री अपने देवर को स्वीकार करके अपना वैधव्य त्याग सकती है?

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) वर्तमान समय में कुछ इतर जातियाँ हैं जो अग्रज के मरणोपरान्त अनुज को विधवा का पति स्वीकार लेतीं हैं। वस्तुतः हम इन रीतियों के विषय में कुछ कहना तो नहीं चाहते किन्तु किसी के...

वेदों में मूर्तिपूजा, साकार परमेश्वर तथा अवतार के प्रमाण

   लेखक - आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) आज कलयुग में कुछ ऐसे प्रबुद्ध जनों के अनुयायी हैं जो गणेश को ईश्वर का नाम तथा ओम् का पर्याय बताते हैं किन्तु ग्रन्थ प्रारम्भ में "श्रीगणेशाय नमः" लिखने के स्थान में "ओम्"...

नए पीडीएफ फाइल्स

Vishishta Sandhya Vidhih (Ebook)

<पीडीएफ लिस्ट/ भाषासंस्कृतप्रणेताकेशवाचार्य श्रीवैष्णवदास श्रीलक्ष्मीनारायण मन्दिर श्री कमलनयनाचार्य आश्रम, सतासी धाम झापा नेपालप्रारूप*pdfआकार20.9MBफाइल संख्या1 विवरण -...

Manusmriti With Medhatithi Commentary (Ebook)

<पीडीएफ लिस्ट/ भाषासंस्कृतसंपादकगंगानाथ झा महामहोपाध्यायमुद्रकदी इण्डियन प्रेस लिमिटेडप्रारूप*pdfआकार39.3MB + 34.4MB + 6.1MBफाइल संख्या3 विवरण - यह ग्रंथ मनुस्मृति में श्री मेधातिथि द्वारा कृत भाष्य का ग्रंथ है। वैसे तो मनुस्मृति में अनेकों भाष्य हैं किन्तु...

Manusmriti With Kulluka Commentary (Ebook)

<पीडीएफ लिस्ट/ भाषासंस्कृतसंपादकआचार्य जगदीशलाल शास्त्रीमुद्रकमोतीलाल बनारसीदासप्रारूप*pdfआकार253.8MBफाइल संख्या1 विवरण - यह ग्रंथ मनुस्मृति में श्री कुल्लूक भट्ट द्वारा कृत भाष्य का ग्रंथ है। वैसे तो मनुस्मृति में अनेकों भाष्य हैं किन्तु कुल्लूक भाष्य मनुस्मृति के...

Brihad Mantra Maharnavam (Ebook)

<पीडीएफ लिस्ट/ भाषासंस्कृत, हिन्दीसंपादकआचार्य पं. राजेश दीक्षितमुद्रकदेहाती पुस्तक भण्डार, नई दिल्लीप्रारूप*pdfआकार225.1MBफाइल संख्या1 विवरण - बहद् मन्त्र महार्णवम् मंत्रों के समूह का एक शास्त्र है जहाँ आपको हर प्रकार के मंत्र उपलब्ध होंगे। यदि आपको प्रत्येक...

Shri Divyananda Chandrodaya

<पीडीएफ लिस्ट/ भाषासंस्कृत, हिन्दीलेखकपं. श्री रघुनाथ प्रसाद शर्माप्रारूप*pdfआकार4.4MBफाइल संख्या1 विवरण - श्रीदिव्यानन्दचन्द्रोदय शाकद्वीपीय मग ब्राह्मणों के शास्त्रीय उद्धरणों का संग्रह है जिससे कि जिज्ञासु मग ब्राह्मणों के इतिहास को पुराणों आदि विभिन्न ग्रंथों...

Skanda Purana Manaskhand

<पीडीएफ लिस्ट/ मुखपृष्ठ भाषासंस्कृत, हिन्दीपरिष्कर्ताआचार्य गोपालदत्त पाण्डेयमुद्रकचौखम्भाप्रारूप*pdfआकार367.2MBफाइल संख्या1 विवरण - स्कन्द पुराण मानस खण्ड में विभिन्न पर्वतों तथा मानसरोवर आदि का वर्णन है। यह खण्ड अलभ्य है। आप सबके हेतु स्कंद पुराण मानसखण्ड यहाँ...

Kashakritsna Vyakaranam

<पीडीएफ लिस्ट/ मुखपृष्ठ भाषासंस्कृतव्याख्यायुधिष्ठिर मीमांसकप्रारूप*pdfआकार91.8MBफाइल संख्या1 विवरण - काशकृत्स्न कृत व्याकरण पाणिनि कृत व्याकरण से पूर्व का तथा वैदिक व्याकरणों में से एक है जिसका संकेत स्वयं पाणिनि जी ने "ऐन्द्रं चान्द्रं काशकृत्स्नं..." आदि कहकर...

Kamasutra

<पीडीएफ लिस्ट/ मुखपृष्ठ भाषासंस्कृत, हिन्दीटीकाकारडॉ. रामानंद शर्मामुद्रककृष्णदास अकादमीप्रारूप*pdfआकार91.8MBफाइल संख्या1 विवरण - वस्तुतः कामसूत्र अंग्रेजी अनुवादों के रूप में पाश्चात्य विद्वानों द्वारा भारतीय संस्कृति के अपमान का एक शस्त्र बनकर रहा है, जिसमें कि...

Ashtadas Smriti

<पीडीएफ लिस्ट/ मुखपृष्ठ भाषासंस्कृत, हिन्दीटीकाकारपं. सुन्दरलालजी त्रिपाठीमुद्रकखेमराज श्रीकृष्णदास प्रकाशनप्रारूप*pdfआकार226.1MBफाइल संख्या1 विवरण - इसमें अत्रि, विष्णु, हारीत, औशनस, आङ्गिरस, यम, आपस्तम्ब, संवर्त्त, कात्यायन, बृहस्पति, पाराशर, व्यास, शंख, लिखित,...

Satyanarayan Pooja (Vrihat Paddhati)

<पीडीएफ लिस्ट/ अनुक्रमणिका का प्रथम पृष्ठ भाषासंस्कृत, अंग्रेज़ीप्रकाशकअज्ञातमुद्रकअज्ञातप्रारूप*pdfआकार560.8KBफाइल संख्या1 विवरण - इस पुस्तिका में सत्यनारायण की कथा सहित विस्तृत पूजा विधि है जिसे कि आप उपलब्ध चित्र में देख ही सकते हैं। यह विधि अलभ्य है अतएव हमने...
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।