॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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देवराज इन्द्र की आरती

देवराज इन्द्र की आरती

   रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हरिहयरूप हरे (जय) हरिहयरूप हरे।श्रुतियों में प्रथमार्चित, कर में वज्र धरे। जय हरिहय…हे काश्यप हे सुरपति, हे पर्जन्य करे।हे वृत्रारि अवनि के, दानव नित्य डरे। जय हरिहय…हे मेघालय के...
श्री वराह भगवान (वराह अवतार भजन Lyrics)

श्री वराह भगवान (वराह अवतार भजन Lyrics)

   रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) सिद्ध संत जिनको जपें प्रकटे श्री सुखधाम।भक्तों के दुःख मेटने वे वराह भगवान॥ ^ विष्णु के अवतार मेरे, श्री वराह भगवान^ विष्णु के अवतार जिनके, चार भुजा अभिराम धरती का भार उठाते हैं,...