by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 26, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
जिस प्रकार सिंह शावक की माता अपने पुत्र के ऊपर भय जानकर तत्क्षण उसके निकट आ जाती है, तथा एव भगवती इन वज्रदंष्ट्रा कही जाने वाली वसंत तथा शरद ऋतुओं में अपने पुत्रों की रक्षा हेतु उनके सन्निकट आ जाती है। आश्विन में हस्तयुक्त नन्दा तिथि में वेदी आदि निर्माण करके नक्तादि...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 13, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
हम नवदिवस तक नवरात्र में श्रीदुर्गाजी की पूजा करते हैं। वस्तुतः यह नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है। नव दिवस तक हम नित्य नव देवियों की विधिवत् पूजा किया करते हैं, तदनन्तर हम दशवें दिन उस मूर्ति को जल में विसर्जित कर देते हैं। कुछ जन यहीं प्रश्न करते...