by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Aug 23, 2022 | Blogs, अंकित शर्मा, प्राकीर्ण
विभूतियों की परिगणना के संदर्भ में भगवान् ने गीता में कहा है कि “धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ”। भरतकुलश्रेष्ठ अर्जुन! धर्म के अविरुद्ध रहने वाला काम मैं हूँ। ऐसे भी काम अन्यतम पुरुषार्थ है। काम की सम्पूर्ति अर्थ के बिना नहीं हो पाती। अतः धर्म के...