॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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हनुमान् जी की वानर प्रजाति

हनुमान् जी की वानर प्रजाति

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कुछ लोगों का यह वक्तव्य होता है कि हनूमान् वानर तो थे, किन्तु वानर इत्युक्ति आदिवासियों के लिये ही प्रयुक्त होती है। कुछ जन कहते हैं कि हनूमान् की तो पूँछ भी नहीं...
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