by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 3, 2024 | Blogs, आचार्यश्री जी, छत्तीसगढ़ी
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) तैं हा नइ जानच पोंगा फँसे हे तोर डोंगातैं नइ जानच।ये रे!तोर मोर काया माटी के संगी मोर!एही आवै जम्मो पोथी बेद के निचोरतैं हा नइ जानच।लाली पानी के तोर काया...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | May 26, 2024 | Blogs, आचार्यश्री जी, स्वरचित हिन्दी काव्य
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) ख्वाब में आकर कन्हैया क्यूँ सताते हो?जो जगूँ तो यूँ ही कैसे भाग जाते हो?रुक के पल भर देख लो रे ऐ मेरे ज़ालिमराधिका के नाम की आँसू बहाते हो।ख्वाब में नित ही लबों को...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 21, 2024 | Blogs, आचार्यश्री जी, स्वरचित हिन्दी काव्य
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) बैठा हिन्दू राम राम बस कहता है।राम धर्म से विस्मृत सा उल्टी धारा में बहताहिन्दू राम राम बस कहता है।वैदिक धर्मसूत्र से वंचितपैशाची मन से जो संचितचिन्तन से निर्मित...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Oct 4, 2023 | आचार्यश्री जी, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) नमामि ब्रह्मविष्णुशर्वसर्वमानसस्थितेद्रवप्रलिप्तलोचनप्रभेश्वरीं जगन्मये।तव भ्रुवो भ्रमन्ति देवदैत्ययक्षकिन्नरा-स्त्वया प्ररुह्य रान्ति तां नमामि केवलाम्बिके॥१॥ हे...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | May 1, 2023 | Blogs, आचार्यश्री जी, स्वरचित हिन्दी काव्य
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हृदयस्थल के अंतः तल मेंएक नाम नित गाता हूँ।राम राम की धुन को सुनकरशरणागत हो जाता हूँ।देवालय में निज आलय मेंनिर्जन वन के मेघालय में।लय में लय से मुक्त निलय मेंराम...