॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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लोचनेश्वरीस्तुति

लोचनेश्वरीस्तुति

   रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) नमामि ब्रह्मविष्णुशर्वसर्वमानसस्थितेद्रवप्रलिप्तलोचनप्रभेश्वरीं जगन्मये।तव भ्रुवो भ्रमन्ति देवदैत्ययक्षकिन्नरा-स्त्वया प्ररुह्य रान्ति तां नमामि केवलाम्बिके॥१॥ हे...
हृदयस्थल के अंतः तल में

हृदयस्थल के अंतः तल में

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) हृदयस्थल के अंतः तल मेंएक नाम नित गाता हूँ।राम राम की धुन को सुनकरशरणागत हो जाता हूँ।देवालय में निज आलय मेंनिर्जन वन के मेघालय में।लय में लय से मुक्त निलय मेंराम...
काखर बर गुसियावौं

काखर बर गुसियावौं

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) रे संगी काखर बर गुसियावौंदेख हमर काया माटी के अपने दुःख भोगै थारी के।गोड़ मा गिर गै हाँथ के कुदरी काबर नइ चिल्लावौं,संगी काखर बर गुसियावौं॥हाथ गोड़ मा देव बसे हें...
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