by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Sep 14, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, प्राकीर्ण
व्याकरण भाषा का मेरुदण्ड है, ऐसा कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं। कोई भी ग्रंथ किसी भाषा में लिखी होती है तो वह व्याकरण के सूत्रों से बंधी होती है। हमारे धर्मशास्त्र, इतिहास, पुराणादि संस्कृतव्याकरण के सूत्रों से बंधे हैं। उनका अनुवाद करने हेतु हमें उन साहित्यों पर...