॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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क्या मूर्तिविसर्जन अशास्त्रीय है?

क्या मूर्तिविसर्जन अशास्त्रीय है?

हम नवदिवस तक नवरात्र में श्रीदुर्गाजी की पूजा करते हैं। वस्तुतः यह नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है। नव दिवस तक हम नित्य नव देवियों की विधिवत् पूजा किया करते हैं, तदनन्तर हम दशवें दिन उस मूर्ति को जल में विसर्जित कर देते हैं। कुछ जन यहीं प्रश्न करते...
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