॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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Tantra Durga Shaptashati

<पीडीएफ लिस्ट/ मुख्यपृष्ठ भाषासंस्कृत, हिन्दीसंकलकपं. श्री शिवदत्त त्रिपाठीमुद्रकएलोरा प्रिंटर्स सूटरगंज, कानपुरप्रारूप*pdfआकार7MBफाइल संख्या1 विवरण – श्री दुर्गासप्तशती के हर श्लोक मंत्र कहे जाते हैं। उन हर मंत्रों का भी बीज मंत्र होता है। उन बीज मंत्रों को...
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