॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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हलषष्ठी माता की आरती

हलषष्ठी माता की आरती

जय षष्ठी माते जय हलषष्ठी माते।नीराजनममरैर्कृतमाधात्रे जाते॥ जय हल…करुणामयि गुणशीले तिथिशीलेऽभयदे।वचसातीतमहिम्ने वात्सल्येऽऽनन्दे॥ जय हल…कंसभगिन्या पूज्ये चन्द्रललितसुतदे।वंशकरे प्रभुरिवगुणयुक्तवत्सकप्रदे॥ जय हल…वैदर्भ्याऽपि सुपूज्ये...

देवी भागवत

मुख्यपृष्ठ लेखकभगवान् कृष्णद्वैपायन (वेदव्यास)भाषासंस्कृत, हिन्दीप्रकाशकगीताप्रेस गोरखपुरआकार47.2MB + 46.7MBप्रारूप*pdfफाइल संख्या2 विवरण – पुराणवाङ्मयमें श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण का अत्यन्त महिमामय स्थान है। पुराणोंकी परिगणनामें वेदतुल्य, पवित्र और सभी...
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