॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

लक्ष्मी कैसे लोगों के पास आना चाहती है

   लेखक – पं. श्री अंकित शर्मा   (कर्मकाण्डविद्, सतत अध्येता) विभूतियों की परिगणना के संदर्भ में भगवान् ने गीता में कहा है कि “धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ”। भरतकुलश्रेष्ठ अर्जुन! धर्म के अविरुद्ध रहने वाला काम मैं हूँ।...

पं. श्री अंकित शर्मा (शिवाङ्कित)

पं. श्री अंकित शर्मा (शिवाङ्कित) पं. श्री अंकित शर्मा वर्तमान झलमला, कवर्धा (छ.ग.) के श्री रामजानकी मंदिर में भगवत्सेवा रत हैं। वे शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण परिवार में जन्मे नित्य स्वाध्याय में तत्पर हैं। उनके पिता बड़े ही सज्जन स्व. पं. श्री शिवकिंकर शर्मा जी हैं।...
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