॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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आध्यात्म रामायण

मुख्यपृष्ठ लेखकभगवान् कृष्णद्वैपायन (वेदव्यास) भाषासंस्कृत, हिन्दीप्रकाशकगीताप्रेस गोरखपुरप्रारूप*pdfआकार308.7MBफाइल संख्या1 विवरण – इस ग्रंथ को स्वयं भगवान् शिव के मुख से भवानी हेतु निर्गत जानना चाहिये। यह ग्रन्थ ब्रह्माण्डपुराण के उत्तरखण्ड से प्राप्त होने के...
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