by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Aug 29, 2022 | Blogs, आचार्यश्री जी, सूर्यस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
प्रणेता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) वैष्णवानां हरिस्त्वं शिवे धूर्जटिर्–शक्तिरूपो नतीनां कृतान्तः परम्।यो गणारूढ़निर्यूहद्वैमातुरःसः सुरेशो रविस्त्वं सदा स्तोचताम्॥१॥ वैष्णवों के आप ही हरि...