॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

होली पर एक भाव

होली पर एक भाव

वृषभानु सुता ने शृंगार कियो, कब दैखेंगे मोहे वो नंद लला।इक बार चली जब सज धज के पथ बीचि मिले उन्हे बाल सखा।अब सोच रहीं की न देखैं हमें, मुख अंचल ढाँक रहीं वो लजा।जब देखा नही नंद नंदन ने उर बीच उठी अति व्याकुलता।हमने तो शृंगार किये तन पे कहीं देखेंगे नेक पियारे सखा।पर...
भवानीसप्तकम्

भवानीसप्तकम्

कं कं केशेषु मेघेषु मनसिजबृसीं धूर्जटेः भूषितेशींकाशामाकाशवासामरुणकरुणया प्रोल्लसद्रुक्मरेखाम्।डं डं डं डं निनादेऽस्थिरनटनटितां दैत्यनाट्यं विभङ्गांतां वन्दे तन्त्रमातां जगदुदयकृतां दीध्यनायेशयोषे॥१॥ “जिनके मेघ स्वरूप केशों में आभूषणस्वरूप चन्द्रमा को स्वयं...
पार्वतीश्वरसौन्दर्यवर्णनम्

पार्वतीश्वरसौन्दर्यवर्णनम्

शुभशितिकचकान्तिं दाडिमीपुष्पवर्णा–धरनलिनयमाक्षीं रुक्मशोभाकिरीटम्।विधुजटितजटाभिर्जाटकं मङ्गलानांनववरवधुयुग्मं पार्वतीशं नतोऽस्मि॥१॥ सुन्दर काले केशों की कान्ति, अनार के पुष्प के समान लाल ओष्ठ तथा कमल पुष्प के दो पंखुड़ियों के समान नेत्र, स्वर्ण मुकुट से परिपूर्ण...
हिन्दी स्तुतियाँ

हिन्दी स्तुतियाँ

आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी के द्वारा जन साधारण हेतु सरल हिन्दी में तीन देवताओं की स्तुतियों का प्रणयन हुआ है। स्तुति उसे ही कहें तो उचित है जो कि ध्येय तथा ध्याता के मध्य सम्बन्ध स्थापित करे। किन्तु संस्कृत की स्तुतियाँ, एक तो कम लोग ही शुद्ध उच्चारण में समर्थ हैं,...
श्यामलादण्डकं सार्थम्

श्यामलादण्डकं सार्थम्

  ॥ ध्यान ॥ माणिक्यवीणामुपलालयन्तींमदालसां मञ्जुलवाग्विलासाम्।माहेन्द्रनीलद्युतिकोमलाङ्गींमातङ्गकन्यां मनसा स्मरामि॥१॥ आनन्दमग्न होकर माणिक्यभूषित वीणां को बजाती हुईं तथा सुन्दर वाक्यों के माध्यम से गायन करने वाली, वज्र के समान नीलद्युति से युक्त कोमल अंगों...
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।