॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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Skanda Purana Manaskhand

<पीडीएफ लिस्ट/ मुखपृष्ठ भाषासंस्कृत, हिन्दीपरिष्कर्ताआचार्य गोपालदत्त पाण्डेयमुद्रकचौखम्भाप्रारूप*pdfआकार367.2MBफाइल संख्या1 विवरण – स्कन्द पुराण मानस खण्ड में विभिन्न पर्वतों तथा मानसरोवर आदि का वर्णन है। यह खण्ड अलभ्य है। आप सबके हेतु स्कंद पुराण मानसखण्ड...
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