by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | May 11, 2024 | Blogs, आचार्यश्री जी, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) यस्याङ्घ्र्याभरणेन शोभिततमो लक्ष्मीप्रियः केशवोनित्यं वै मनुते वसन् फणधरस्यास्यां च दुग्धार्णवे।जायन्ते विविधाः प्रजा इह सदा क्षत्र्यादयो येन तद्वन्देऽहं...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Dec 11, 2023 | Blogs, आचार्यश्री जी, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) सरससारससङ्कुलसंहित-स्थितिसुभाषितवैभवभूषिते।चिचरिषामि सुपादनखे वने-विविधवृक्षदलैर्दह मे मलम्॥१॥ सुन्दर कमल समूहों के निकट विद्यमान रहने वाले (हंस) के ऊपर स्थिति...