॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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होली पर एक भाव

होली पर एक भाव

   लेखक – पं. श्री महेश शर्मा   (भागवत प्रवक्ता, शास्त्र अध्येता, लेखक) वृषभानु सुता ने शृंगार कियो, कब दैखेंगे मोहे वो नंद लला।इक बार चली जब सज धज के पथ बीचि मिले उन्हे बाल सखा।अब सोच रहीं की न देखैं हमें, मुख अंचल ढाँक रहीं वो लजा।जब देखा...
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