॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

वैशाख के झड़ी

वैशाख के झड़ी

   लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी   (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) “माथ मटू हे मंजूर के पंख त कान के नाक के बात कहाँ हे।आँख के आँजे सजे संगवारी त सुग्घर मा रति काम लजा हे।डेरी के खांध म डेरा त आन म बंसरी तान के सान सजा हे।’कौशल’ राधा...
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।