॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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Anand Ramayan

मुख्यपृष्ठ लेखकमहर्षि वाल्मीकिप्रकाशकप्रारूप*pdfआकार293.7MBभाषासंस्कृत, हिन्दीफाइल संख्या1 विवरण – भगवान् श्री रामचंद्र के सुन्दर चरित्रों के आयोजनरूप इस ग्रंथ में अधिकांश कथाएं वाल्मीकीय रामायण से ली गईं हैं। इतिहासकार इसके लेखक को अज्ञात कहते हैं किंतु...

अन्त्यकर्म श्राद्धप्रकाश

मुख्यपृष्ठ लेखकप्रकाशकगीताप्रेस गोरखपुरप्रारूप*pdfआकार5.3MBफाइल संख्या1 विवरण – ब्रह्मवैवर्त की उक्ति है कि “देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते।” श्राद्ध हर मनुष्य हेतु अत्यन्त आवश्यक कृत्य है। वस्तुतः इसकी विधियाँ अनेक ग्रंथों में प्राप्य है।...
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