by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Jul 24, 2022 | गीताप्रेस गोरखपुर, पीडीएफ
मुख्यपृष्ठ लेखकप्रकाशकगीताप्रेस गोरखपुरप्रारूप*pdfआकार5.3MBफाइल संख्या1 विवरण – ब्रह्मवैवर्त की उक्ति है कि “देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते।” श्राद्ध हर मनुष्य हेतु अत्यन्त आवश्यक कृत्य है। वस्तुतः इसकी विधियाँ अनेक ग्रंथों में प्राप्य है।...