by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 22, 2024 | Blogs, गीत
संशोधक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) प्रेम विवस कर दीन्ही रे मोसे नैना मिलाइ केचित मित सब हर लीन्हीं रे मोसे नैना मिलाइ के।प्रेम बटी का मदवा पिलइ के…मतवारी कर दीन्हीं रे मोसे नैना मिलाइ के।बल बल जाऊं मैं तोरे...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Apr 21, 2024 | Blogs, आचार्यश्री जी, स्वरचित हिन्दी काव्य
लेखक – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) बैठा हिन्दू राम राम बस कहता है।राम धर्म से विस्मृत सा उल्टी धारा में बहताहिन्दू राम राम बस कहता है।वैदिक धर्मसूत्र से वंचितपैशाची मन से जो संचितचिन्तन से निर्मित...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Dec 11, 2023 | Blogs, आचार्यश्री जी, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) सरससारससङ्कुलसंहित-स्थितिसुभाषितवैभवभूषिते।चिचरिषामि सुपादनखे वने-विविधवृक्षदलैर्दह मे मलम्॥१॥ सुन्दर कमल समूहों के निकट विद्यमान रहने वाले (हंस) के ऊपर स्थिति...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Nov 16, 2023 | Blogs, आचार्यश्री जी, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) कमलयमलचक्षुं यामलैर्वारणानांमहितचरणयुग्मं शुभ्रशोभां शुभाङ्गीम्।अतिललितकटाक्षो भूतयः सेवकानांकलितकुमुदमध्येऽधिष्ठितां तान्नमामि॥१॥ जिनके कमल की दो कर्णिकाओं जैसे...
by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Oct 4, 2023 | आचार्यश्री जी, देविस्तोत्राणि, स्तोत्र, स्वरचित संस्कृत काव्य
रचयिता – आचार्यश्री कौशलेन्द्रकृष्ण जी (कथावक्ता, श्लोककार, ग्रंथकार, कवि) नमामि ब्रह्मविष्णुशर्वसर्वमानसस्थितेद्रवप्रलिप्तलोचनप्रभेश्वरीं जगन्मये।तव भ्रुवो भ्रमन्ति देवदैत्ययक्षकिन्नरा-स्त्वया प्ररुह्य रान्ति तां नमामि केवलाम्बिके॥१॥ हे...