॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

संपर्क करें

वेदों तथा पुराणों में कबीरदास जी के नाम का स्पष्टीकरण तथा अनिरुद्धाचार्य जी से सम्बद्ध राधावन्तः विवाद का व्याकरणपरक विश्लेषण

वेदों तथा पुराणों में कबीरदास जी के नाम का स्पष्टीकरण तथा अनिरुद्धाचार्य जी से सम्बद्ध राधावन्तः विवाद का व्याकरणपरक विश्लेषण

व्याकरण भाषा का मेरुदण्ड है, ऐसा कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं। कोई भी ग्रंथ किसी भाषा में लिखी होती है तो वह व्याकरण के सूत्रों से बंधी होती है। हमारे धर्मशास्त्र, इतिहास, पुराणादि संस्कृतव्याकरण के सूत्रों से बंधे हैं। उनका अनुवाद करने हेतु हमें उन साहित्यों पर...
error: कॉपी न करें, शेयर करें। धन्यवाद।