by पं. श्री कौशलेन्द्रकृष्णशर्मा | Dec 9, 2022 | आचार्यश्री के ग्रंथ
ग्रंथाकृति में पहली बार। मगों तथा सूर्योपासक विप्रों हेतु परमावश्यक “अव्यंग” का दुर्लभ विधान जो कि मात्र १२ रश्मियों (अध्यायों) तथा ३६० श्लोकों में लिखित है। तुरन्त ऑर्डर करें AMAZON (Price – ₹200) FLIPKART (Price – ₹200) NOTION PRESS (Price...