॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवतेऽजितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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स्रोतशुक्लयजुर्वेद
भाषावैदिक संस्कृत, हिन्दी
प्रकाशकगीताप्रेस गोरखपुर
प्रारूप*pdf
आकार12.7MB
फाइल संख्या1

विवरण –

यह भगवान् रुद्र को समर्पित रुद्राष्टाध्यायी है, जिसका सस्वर पाठ रुद्राभिषेक में होता है। इस पुस्तिका में पार्थिवेश्वर पूजन सहित सानुवाद आठ और दो अध्यायों के समावेश से सबके समस्त प्रस्तुतीकरण का प्रयास किया गया है।

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