॥ घृणिः ॥ ॐ नमो भगवते जितवैश्वानरजातवेदसे ॥ घृणिः ॥

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श्रीनृसिंहप्रपन्नस्तोत्रम्

श्रीनृसिंहप्रपन्नस्तोत्रम्

न मन्त्रं तन्त्रं वा विविधकुलयन्त्रागमशुची–न्न तत्वं मायायास्तवचरणदास्याश्च सचितः।सितास्तस्या वृत्याऽऽचरणपतिता योग्यविकलान योग्योऽहं देव तदपि नृमृगेद्रार्तिथयिषे॥१॥ न मैं मंत्र जानता हूँ, न तन्त्र जानता हूँ, न ही विविध प्रकार के यंत्र, वेद तथा...
विकास दिव्यकीर्ति जी के द्वारा रामायण पर प्रस्तुत प्रश्नों का निष्कर्ष

विकास दिव्यकीर्ति जी के द्वारा रामायण पर प्रस्तुत प्रश्नों का निष्कर्ष

अभी एक आइएएस के शिक्षक श्री विकास दिव्यकीर्ति जी का वीडियो चारो ओर चल रहा है, जिसमें वे बता रहे हैं कि कुछ विषयों को लेकर लोग रामचरित्र पर कटाक्ष करते हैं। आज इसी विषयों के अस्तित्व का कारण जानने का प्रयास करेंगे। कथन यह सही ही है कि किसी भी घटनाक्रम का एक छोटा सा भाग...
सुदर्शन चक्र की उत्पत्ति, वैकुण्ठ चतुर्दशी का उपलक्ष्य तथा भगवान् शिव का विरूपाक्ष होना

सुदर्शन चक्र की उत्पत्ति, वैकुण्ठ चतुर्दशी का उपलक्ष्य तथा भगवान् शिव का विरूपाक्ष होना

आज वैकुण्ठ चतुर्दशी है। आप सबको कोटिशः शुभकामना। आज की तिथि को भगवान् हरि तथा हर के प्रेम की परिचायिका कहें तो अतिशयोक्ति नहीं। भगवान् हरि को हर से सुदर्शन चक्र की प्राप्ति जो हुई थी। वैसे, सुदर्शन चक्र का सम्बन्ध श्रीसूर्यनारायण से अकाट्य है। क्योंकि वे ही इस चक्र के...
ग्रहण के कर्तव्य अकर्तव्य

ग्रहण के कर्तव्य अकर्तव्य

सूर्यग्रहण तथा चन्द्रग्रहण क्यों होता है, यह तो आप सब सुने ही हैं। इस विषय पर चर्चा न करते हुए सीधे आवश्यक विषयों पर आते हैं। पहले तो हमें यह ज्ञात हो कि ग्रहण दिखे, तभी मान्य होगा। विभिन्न पंचांगों में विभिन्न समय देखकर कुछ जन भ्रमित होते हैं। इन विभिन्न समयों का...
स्त्रियों के पुराणवाचन विषयक ध्यातव्य शास्त्र निर्देश

स्त्रियों के पुराणवाचन विषयक ध्यातव्य शास्त्र निर्देश

यहाँ दिये गए सारे वाक्य शास्त्रों के हैं। इनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं अपितु भागवत प्रवाचिका युवतियों तथा श्रोताओं को अवगत कराना है। ये शास्त्र सिद्धान्त धर्म है। इनका पालन न करने वाला हर व्यक्ति अधर्मी ही होगा। “इतिहासपुराणं च पञ्चमं वेद...
करवा चौथ व्रत की शास्त्रीय विधि

करवा चौथ व्रत की शास्त्रीय विधि

करक चतुर्थी या करवा चौथ के नाम से यह बड़ा ही प्रचलित व्रत है जो वर्ष से चतुर्थीव्रतों में से एक है। इस दिन सौभाग्य की अक्षरता हेतु स्त्री भगवान् गणपति की पूजा करती है। आधुनिक काल में इस व्रत में भी विविधता परिलक्षित होती है अतएव इस लेख को लिखने का उद्देश्य सिद्ध है।...
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